Saturday, February 5, 2011

ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.


1मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.
तुम एम. ऐ. फर्स्ट डिविजन हो, मैं हुआ मैट्रिक फेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये. 
तुम फौजी अफसर की बेटी मैं तो किसान का बेटा हूँ.
तुम रबड़ी खीर मलाई हो, मैं सत्तू सपरेटा हूँ.
तुम ऐ.सी. घर में रहती हो मैं पेड़ के नीचे लेता हूँ.
तुम नयी मारुती लगती हो मैं स्कूटर लम्ब्रेटा हूँ.
इस कदर अगर हम छुप-छुप कर आपस में प्रेम बढायेंगे,
तो एक रोज़ तेरे डैडी अमरीश पूरी बन जायेंगे.
सब हड्डी पसली तोड़ मुझे भिजवा देंगे वो जेल प्रिये.
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.
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3तुम अरब देश की घोडी हो, मैं हूँ गदहे की नाल प्रिये.
तुम दिवाली का बोनस हो, मैं भूखों की हड़ताल प्रिये.
तुम हीरे जडी तश्तरी हो, मैं अल्मुनिअम का थाल प्रिये.
तुम चिकेन सूप बिरयानी हो मैं कंकड़ वाली दाल प्रिये.
तुम हिरन, चौकडी भारती हो, मैं कछुवे की चाल प्रिये.
तुम चन्दन की लकडी हो, मैं हूँ बबूल की छाल प्रिये.
मैं पके आम सा लटका हूँ, मत मार मुझे गुलेल प्रिये.
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.
मैं शनि देव जैसा कुरूप, तुम कोमल कंचन काया हूँ.
मैं तन से मन से कांशीराम, तुम महा चंचल माया हो.
तुम निर्मल पावन गंगा हो, मैं जलता हुआ पतंगा हूँ.
तुम राजघाट का शांति मार्च, मैं सांप्रदायिक दंगा हूँ.
तुम हो पूनम का ताजमहल, मैं काली गुफा अजंता की.
तुम हो वरदान विधाता का, मैं गलती हूँ भगवंता की.
तुम जेट विमान की शोभा हो, मैं बस की ठेलम ठेल प्रिये.
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.
तुम नयी विदेशी मिक्सी हो, मैं पत्थर का सिलबट्टा हूँ.
तुम ऐ.के ४७ जैसी, मैं तो एक देसी कट्टा हूँ.
तुम चतुर राबडी देवी सी, मैं भोला भला लालू हूँ.
तुम मुक्त शेरनी जंगल की, मैं चिडियाघर का भालू हूँ.
तुम व्यस्त सोनिया गाँधी सी, मैं वी पी सिंह सा खाली हूँ.
तुम हँसी माधुरी दीक्षित की, मैं पुलिसमैन की गाली हूँ.
कल जेल अगर हो जाये तो, दिलवा देना तुम बेल प्रिये.
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.
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2मैं ढाबे के ढांचे जैसा, तुम पॉँच सितारा होटल हो.
मैं महुए का देसी ठर्रा, तुम रेड लेबल की बोतल हो.
तुम चित्रहार का मधुर गीत, मैं कृषि दर्शन की झाड़ी हूँ.
तुम विश्व-सुंदरी सी कमाल मैं तौलिया छाप कबाडी हूँ.
तुम सोनी का मोबाइल हो, मैं टेलीफोन वाला हूँ चोंगा.
तुम मछली मानसरोवर की, मैं सागर तट का घोंगा.
दस मंज़िल से गिर जाऊंगा, मत आगे धकेल प्रिये.
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.
तुम सत्ता की महारानी हो, मैं विपक्ष की लाचारी हूँ.
तुम हो ममता-जयललिता सी, मैं कंवारा अटल बिहारी हूँ.
तुम तेंदुलकर का शतक प्रिये, मैं फोलो ऑन की पारी हूँ.
तुम गेट्ज, मतिज़, कोरोला हो, मैं लेलैंड की लौरी हूँ.
मुझको रेफरी ही रहने दो, मत खेलो मुझसे खेल प्रिये.
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.
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