Monday, January 10, 2011

कायद नज्मी(और खास बात यह है कि इसके दरवाजे पर कोई ताला नहीं)

कायद नज्मी

अहमदनगर(महाराष्ट्र)।
महाराष्ट्र के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के शहर शनि शिंग्नापुर में घरों में पहले से ही दरवाजे नहीं थे अब यहां एक बैंक की शाखा शुरू की गई है और खास बात यह है कि इसके दरवाजे पर कोई ताला नहीं लगता है।

करीब 3,000 लोगों की आबादी वाले इस अनूठे शहर में सबसे पहले यूको बैंक ने अपनी शाखा शुरू की है। स्थानीय धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए बैंक ने पिछले सप्ताह निर्णय लिया कि इस शहर में शुरू हुई उसकी शाखा के सामने के दरवाजे पर कोई ताला नहीं लगेगा।

शनि शिंग्नापुर में लोगों के घरों में दरवाजों की चौखटें तो लगी हुई हैं, लेकिन दरवाजे नहीं है। यहां के लोग सुरक्षा के लिए लॉकर्स में भी ताले नहीं लगाते हैं। दरअसल उनका विश्वास है कि मंदिर शनि देवता का निवास स्थान है और उनका मानना है कि इस वजह से वहां कोई भी चोरी करने की हिम्मत नहीं कर सकता क्योंकि इससे उसे और उसके परिवार वालों को शनि के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।

वैसे एहतियातन यूको बैंक के छह सदस्यीय कर्मचारीमंडल में से कोई न कोई हर समय बैंक के शाखा परिसर में रहता है।

एक अधिकारी ने बताया, "बैंक के मुख्य द्वार पर कोई ताला नहीं है लेकिन नकदी डिब्बों और अंदर रखे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाना जरूरी थे।"

बैंक की शाखा का उद्घाटन छह जनवरी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के स्थानीय विधायक शंकरराव गडक ने किया था।

बैंक के शाखा प्रबंधक यू.के.शाह कहते हैं कि यह इस शहर का पहला बैंक है और वह उसके विकास के प्रति आशावान हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 200 से ज्यादा ग्राहक बैंक से जुड़े हैं। शाह ने कहा कि जल्दी ही वहां एक एटीएम की भी व्यवस्था की जाएगी।

वैसे बिना ताले के बैंक से स्थानीय व जिला पुलिस अधिकारी खुश नहीं हैं और उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों से सावधानी बरतने के लिए कहा है।

Tuesday, January 4, 2011

कौन बनेगा करोडपति

कौन बनेगा करोडपति

का
 
अगला सवाल है 

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... और ये सवाल है ............. आपके लिए ................

280 लाख करोड़ का 

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280 लाख करोड़ का सवाल है ...

"भारतीय गरीब है लेकिन भारत देश कभी गरीब नहीं रहा"
 ये कहना है स्विस बैंक के डाइरेक्टर का. स्विस बैंक के डाइरेक्टर ने यह भी कहा है कि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये (280 ,00 ,000 ,000 ,000) उनके स्विस बैंक में जमा है. ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना टैक्स के बनाया जा सकता है. या यूँ कहें कि 60 करोड़ रोजगार के अवसर दिए जा सकते है. या यूँ भी कह सकते है कि भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक 4 लेन रोड बनाया जा सकता है. ऐसा भी कह सकते है कि 500 से ज्यादा सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण किये जा सकते है. ये रकम इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को 2000 रुपये हर महीने भी दिए जाये तो 60 साल तक ख़त्म ना हो. 

यानी भारत को किसी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने कि कोई जरुरत नहीं है. जरा सोचिये ... हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और नोकरशाहों ने कैसे देश को लूटा है और ये लूट का सिलसिला अभी तक 2010 तक जारी है. इस सिलसिले को अब रोकना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है. अंग्रेजो ने हमारे भारत पर करीब 200 सालो तक राज करके करीब 1 लाख करोड़ रुपये लूटा. मगर आजादी के केवल 64 सालों में हमारे भ्रस्टाचार ने 280 लाख करोड़ लूटा है. एक तरफ 200 साल में 1 लाख करोड़ है और दूसरी तरफ केवल 64 सालों में 280 लाख करोड़ है. यानि हर साल लगभग 4.37 लाख करोड़, या हर महीने करीब 36 हजार करोड़  भारतीय मुद्रा स्विस बैंक में इन भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा करवाई गई है. 

भारत को किसी वर्ल्ड बैंक के लोन की कोई दरकार नहीं है. सोचो की कितना पैसा हमारे भ्रष्ट  राजनेताओं और उच्च अधिकारीयों ने ब्लाक करके रखा हुआ है. 

हमे भ्रस्ट राजनेताओं और भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ जाने का पूर्ण अधिकार है. हाल ही में हुवे घोटालों का आप सभी को पता ही है - CWG घोटाला,  २ जी स्पेक्ट्रुम घोटाला ,  आदर्श होउसिंग घोटाला ... और ना जाने कौन कौन से घोटाले अभी उजागर होने वाले है ........

आप लोग जोक्स फॉरवर्ड करते ही हो. इसे भी इतना फॉरवर्ड करो की पूरा भारत इसे पढ़े ... और एक  आन्दोलन  बन जाये ...

सदियो की ठण्डी बुझी राख सुगबुगा उठी, 
मिट्टी सोने का ताज् पहन इठलाती है। 
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो, 
सिहासन खाली करो की जनता आती है। 


जनता? हां, मिट्टी की अबोध् मूर्ते वही,
जाडे पाले की कसक सदा सहने वाली, 
जब् अन्ग अन्ग मे लगे सांप  हो चूस् रहे, 
तब् भी न कभी मुह खोल दर्द कहने वाली। 
लेकिन, होता भूडोल, बवंडर उठते है, 
जनता जब् कोपाकुल् हो भृकुटी चढ़ाती है, 
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो, 
सिहासन खाली करो की जनता आती है।
 
हुन्कारो से महलो की नीव उखड जाती, 
सांसो के बल से ताज हवा मे उडता है, 
जनता की रोके राह समय मे ताब् कहां? 
वह जिधर चाहती, काल उधर ही मुडता है। 
सबसे विराट जनतंत्र जगत का आ पहुंचा, 
120  कोटि हित सिहासन तैयार करो, 
अभिषेक आज राजा का नही, प्रजा का है, 
120  कोटि जनता के सिर पर मुकुट धरो। 
आरती लिये तु किसे ढुढता है मूरख, 
मन्दिरो, राजप्रासदो मे, तहखानो मे, 
देवता कही सडको पर मिट्टी तोड रहे, 
देवता मिलेंगे खेतो मे खलिहानो मे। 
फ़ावडे और हल राजदण्ड बनने को है, 
धुसरता सोने से श्रृंगार सजाति है, 
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो,
सिहासन खाली करो की जनता आती है। 

उठो ... जागो और जगाओ ... 
आज एक नया तूफ़ान उठाओ 

इस तूफ़ान में उडने वाले है 
निरंकुश, भ्रस्टाचारी , शाषक और शासन 
इनकी आँखें अंधी और कान बहरे हो चले है
ये नहीं सुनते जनता का कृन्दन 

चुप ना बैठो...अपना मुख खोल और विस्तारित करो अपनी वाणी 
बहुत सहा है अब ना सहेंगे अब तक बहुत बह चूका पानी ...

एक जिम्मेदार  भारतीय नागरिक बनो .... अब जागने और जगाने  का वक़्त आ गया है. अपने दोस्तों , मित्रो , पड़ोसियों , गाँव , शहर में सभी जगह इन बातों पर चर्चा करो , ब्लॉग लिखो, SMS करो. ... नया सवेरा तुम्हारा इन्तेजार कर रहा  है . ..................

जय हिंद, 
जय भारत ...
हिन्दुस्तान जिंदाबाद,