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एक बार एक पिता और उसकी छोटी सी बच्ची नदी पर बने हुए संकरे पुल को पार कर रहे थे. चूँकि पुल बहुत ही संकरा और लम्बा था, पिता अपनी बच्ची के लिए थोडा चिंतित हुआ. उसने अपनी बच्ची से कहा "बेटा ये पुल काफी लम्बा और संकरा है. ऐसा करो तुम मेरा हाथ पकड़ लो ताकि तुम्हे चलने कोई परेशानी ना आये और तुम्हे डर भी ना लगे." |
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बच्ची ने कहा "मैं नहीं, आप मेरा हाथ पकड़ लीजिये."
"इसमें फर्क क्या है ?" पिता ने आश्चर्य से पूछा. |
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"इसमें बहुत बड़ा फर्क है." छोटी बच्ची ने जवाब दिया. "अगर मैं आपका हाथ पकड़ती हूँ तो शायद ऐसा हो सकता है कि किसी वजह से मुझसे आपका हाथ छूट जाए, पर अगर आप मेरा हाथ पकड़ते हैं तो मुझे पूरा यकीन है कि चाहे कुछ भी हो जाए, कैसी भी मुसीबत आ जाए, आप मेरा हाथ नहीं छोडेंगे. |
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