जीवन में कुछ सपने पाल
सपनों को कुछ दाना डाल
चुगने दो आस के पंछी को
उड़ने दो आस के पंछी को
उम्मीदों का दामन थाम
कुछ पल करके विश्राम
हो जा फिर सावधान
सपनों को सच में बदलने को
करते रहो सतत् काम-धाम
कैसी भी हार हो
चाहे कितनी बार हो
करते रहो उद्यम
और सपनों से दो चार हो
चाह है तो राह है
राह है तो मंजिल है
हर थकान में आस ही
एक मात्र छाँव है।
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