इन दिनों शहर में
खूब ट्रैफिक जाम होता है।
लोग परेशान होते हैं।
एक-दूसरे को कोसते भी हैं।
फिर धूल-धुआँ खाते हुए देर तक
गुत्थम-गुत्था होते हैं।
एक-दूसरे की गलतियाँ निकालते हैं।
आगे गई गाड़ियाँ कुछ पीछे आती हैं।
पीछे की गाड़ियाँ कुछ और पीछे जाती है।
देर तक यही सब चलता है।
फिर कुछ जगह बन पाती है।
लोग अपने घर देर से पहुँच पाते हैं।
घर पहुँचते-पहुँचते चिड़चिड़े भी हो जाते हैं,
पर क्या कोई भी यह सोचता है कि
आखिर ट्रैफिक जाम होता क्यों हैं?
क्या इसकी वजह हमारी जल्दबाजी नहीं?
अब सोचो
सब अपनी-अपनी कतार में चलें
तो क्या ट्रैफिक जाम हों?
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